नीलकंठ - एक सोच
नीलकंठ - एक सोच
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हैलो दोस्तों, कैसे है आप लोग आशा करता हू खुश होंगे। आज तारीख 17-5-2020 आज लॉकडॉन 4.0 आ चुका है। अगर हम अपनी बात करें तो हम भी घर में आप लोगों की तरह थक चुके हैं। लेकिन यह भी हमारे ही हित के लिए है।
अगर आप थक रहे हो घर बैठे, और सोच रहे हो की कुछ नही कर सकते तो आपको मेरी पिछली पोस्ट भी पढ़ने की जरूरत है, जिसमे मैंने बताया है की कैसे आप अपने लक्ष्य पर अटल रह सकते हैं।
इसी तरह आज भी हम ऐसी ही जिंदगी के उतार चढाब की बातें करेंगे जो कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में हारे सामने आती है।
जैसे की अभी कोरोना जैसी महामारी।
आप में से बहुत लोग नीलकंठ महादेव के भक्त होंंगे, आज का हमारा विषय कुछ ऐसे ही नीलकंठ महादेव से जुड़ी है।
कहते हैं, और सुना भी है की जो नीलकंठ महादेव का भक्त होता हैै उसका कोई कुछ नही कर सकता।
तो लिखते हैं एक पोस्ट जो। हमें प्रेरणा देगी ज़िंदगी में आगे बढ़ने की और बुरा हाल में कुछ करने की, बुरे वक़्त में भगवान हमारे साथ होता है और एक वक़्त में भी।
नीलकंठ - एक सोच :-
कुछ पंक्तियां आपके लिए लिखी गयी है उम्मीद है आपको पसंद आयेंगी...
नीलकंठ
सब कहते थे उसे डरपोक,
मुश्क़िलो से भागा करे वो रोज़,
जब भी सामना होता किसी पहेली से
वो उलझता था हर रोज़,
बाहरी सुकून के पीछे भागे वो,
पर कुछ बड़ी थी उसकी खोज्,
बहुत ताने मारे जमाने ने,
वो दिल में हर दर्द दबाये, रोता था अंधेरों में,
दिन पर दिन ऐसे बीतता जाएं,
पर उसके अंदर भी बसा शिवाय
(नीलकंठ)
बेबश् न होने दिया स्वयं को
खुद को दी एक नई पहचान,
हर बुरे वक़्त को जीता( winner) वो,
जैसे जहर को पीता हुआ
नीलकंठ भगवान,
खुद से उसने वादा किया,
झुक-झुक कर फिर से खड़ा हुआ,
अब, ज़िंदगी में न लुंगा रुकने का नाम,
चाहें संकट हो या हो अभिशाप,
खुदपर भरोसा कम होने ना दो,
अपने अंदर के नीलकंठ को पहचानो
(माधुर्य शर्मा)
(अनुराग शर्मा)
Thank you
dosto hamari post padhne ke liye, ummed karta hu apko achi lagi hongi or prerit kia hoga,
please ane doston ke shath or parivar ke sath karoora share karen.
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Thank you chote
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