बाघी बनो
बाघी बनो(Baaghi)
नमस्कार दोस्तों,
आज की पंक्तियां उनके लिए जो ज़िंदगी में कुछ करने की ठान लेते हैं। लेकिन कुछ कारण के वजह से नहीं कर पाते। आप सभी लोगों ने बाघी (Baaghi) मूवी तो जरूर देखी होगी,तो उस मूूूूवी में शिफू जी कहते हैं-
"बाघी(Baaghi) बनो मगर किसी मकसद के लिए"
इसी तरह आपको भी अपनी ज़िंदगी के मकसद को खोजना होगा, उस पर आपको अमल करना होगा। आप का नाम नहीं आपका काम आपको बड़ा बनता है। अपनी। ज़िंदगी में आप भी बाघी(Baaghi) बनो, अपना मकसद ढूंढो, और सही राह पर चलते हवे उसे पूरा करो।
दुनिया में आये हो, कुछ ऐसा कर के जाइये जिससे दुनिया आपको हमेशा याद करे। बाघी(Baaghi) बन ना जरूरी है,
बाघी बनो
हर दिन कर एक नई शुरुवात,
खुद के लायक बना, हर हालत
एक तू ही है, तेरा सच्चा दोस्त,
जगता रहे तू हर पल, क्या दिन और क्या रात,
इस जालिम जमाने को हक़ नहीं,
के वो ले इंतिहांन तेरी,
तू खुद की नस- नस को पहचानता,
तेरा चरित्र अटल हिमालय सा ही,
हर गुस्सा और आग को संजो के रख,
लगादे सब जीवन प्रगति की पग पर,
एक ही तो लक्ष्य तेरा, केवल विजय,
फतेह तेरा मकसद तू बाघी बन,
तू बाघी बन।
आनुराग शर्मा
माधुर्य शर्मा
हमारी पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत धन्यवाद।
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Nice article brother..
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