Mere Paas Bhi Doraemon Hota | Best Poems | 2020
Mere Paas Bhi Doraemon Hota || Life Struggle Poem
जिसमें खुशियों का खजाना था।
चाहत तारों को छूने की थी,
पर दिल चाँद का दीवाना था।
खबर ना थी सुबह की,
ना थी खबर शाम की।
थक कर आना स्कूल से,
और दोस्तों के साथ खेलना भी था।
माँ के आँचल में सोते,
परियों की कहानी का सपना था।
ना रोने की बजह थी,
ना हसने का बहाना था।
क्यों हो गए हम इतने बड़े
इससे अच्छा हमारा बचपन, और बचपन का जमाना था।
काश मेरे पास भी एक Doraemon होता,
देख सकता की आगे क्या होगा।
क्या में पाऊंगा, क्या दिल खायेगा।
किस पल् थोड़ी खुशी मिलेगी,
किस पल थोडा रोना पड़ेगा।
काश सचमुच जिंदगी में एक Doraemon होता,
बदल सकता उन लम्हों को,
जिन्होंने मुझे रुलाया।
जोड़ता कुछ हसीं पल को,
जिन्होंने मुझे हँसाया।
हिसाब तो लगा पाता कितना खोया कितना पाया
काश सचमुच जिंदगी में एक Doraemon होता,
Time Machine से वक़्त में पीछे जाता
टूटे सपनों को फिर से,
बड़े अरमानो से सजाता।
कुछ पल के लिये मैं भी मुस्कुराता
काश सचमुच जिंदगी में एक Doraemon होता,
काश सचमुच जिंदगी में एक Doraemon होता,
Thank you
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