मेहनत कर
मेहनत कर
मेहनत कर
हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अब्दुल कलाम ने कहा था - सोच पूंजी है, उसका उपयोग राह है, और मेहनत हर समस्या का समाधान है।
मेहनत कर
अगर कुछ पाने की ख्वाहिश है, तो बिस्तर से लगाव छोड़ना पड़ेगा। हमारी छमता की की सीमा नही...अगर कहीं पर है तो हमारे ख्यालो में, हमारी सोच में। अगर कोई तुम्हारी काबिलियत पर शक् करे तो करने दो परेशां न हो, क्योंकि शक् सोने की शुद्धता पर की जाती है, लोहे कि नहीं।
मेहनत कर
अपने दिमाग पर अपनी हुकुमत चलाओ वरना वो तुम पर हुकुमत चलायेगा। अपने निश्चय पर अटल रहने वाला पर्वत दृढ़संकल्प का प्रतिक है। जिस दिन से मेहनत और लगन हमारा पहला प्यार होगा, उस दिन से होगी हमारी इंसानी ज़िंदगी की सार्थकता...
कुछ भावनाएँ
(मेहनत कर)
अपनी ये ज़िंदगी सरल हो या हो कांटोभरी
हमें चलना अपने आप है,
तुम निशान छोड़ जाओ हर कदम पर अपने
सीख उससे कोई ले जायेगा
याद रखो वो हर एक दिन, जो तुझे कमजोर समझता था।
काँटेभरी ज़िंदगी तुझे मजबूत और बनायेगी।
हार मत मान कभी ये पाप का भागी तुझे बनायेगी
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