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होंसलो की उड़ान

नमस्कार दोस्तों, कैसे है आप सभी, आशा करता हूँ की आप सभी अच्छे होंगे, भगवान से हमारी या प्रार्थना होगी की, कोरोना जैसी भयाभय बीमारी आप सभी के पास भी ना आये। 
हम चाहते हैं की आप सभी अपना खयाल रखें और देश के प्रति अपना साथ  और अपनी भूमिका निभाएं। 

आज हम बात करेंगे एक और अच्छे विषय पर, कहने को तो हर विषय अच्छा होता है, पर बात है हम मानव जाती पर की वो क्या चुनता है अपनी ज़िंदगी में। 

होंसलो की उड़ान -
                          ये जो भी पंक्तियां आज आप लोगों के समक्ष  होंगी। आपसे अनुरोध है -
हमारी कही गई बातों को अपनी ज़िंदगी के हिस्सों से जोड़ के चलें|

                          होंसलो की उड़ान

              हाँ ये सच् है कि मुसीबत की रात कटती नहीं,
              पर कल का सूरज उगता है,
              तुम रखो भरोसा अपने होंसलो पर,
              वो लायेगा रंग जोश का,
              लायेगा रंग जोश का

              हा ये सच् है कि, तुम आज हारे हो,
              पर वजह भी तो तुमने जाना है
              भूल जाओ बीते हुए कल को
              याद रखो, पतझड़ के बाद ही तो बसंत आता है
    
              हा ये सच् है के आज तुम रोये हो पर,
              समस्या का हल और मेहनत ka फल्
              देर से ही सही पर,
              मिलता जरूर है...
             
              ये भी तुमने जाना है
              ये भी तुमने जाना है...


उम्मीद करता हूँ आपको ये "होंसलो की उड़ान" अच्छी लगी  होंगीं, और पसंद आई होंगीं
इन पंक्तियों के मध्यम से हम यही कहना चाहते हैं, कि ज़िंदगी में कभी हार ना मानो| जो karna चाहते ho वो जरूर करें क्योंकि-
जो करना चाहते हो अगर वही नहीं किया तो क्या किया...
सिर्फ ज़िंदगी जियोगे, जी नहीं पाओगे

हमारी पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद!
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comment कर के जरूर बताना ताकि और भी अच्छी बातें आपके लिए आती रहेंगी!
Anurag Sharma
Madhurjya Sharma

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